क्या आपने सोचा था कि एक साधारण भारतीय इंजीनियर, दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी का CEO बनकर खरबपति बन सकता है? सुंदर पिचाई ने यह कर दिखाया है! गूगल के शानदार प्रदर्शन ने उनकी नेट वर्थ को 1.1 अरब डॉलर (लगभग 9,000 करोड़ रुपये) के पार पहुंचा दिया है, और वह अब दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।
आखिर कैसे हुआ यह कमाल?
सुंदर पिचाई की यह यात्रा किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। चेन्नई में जन्मे पिचाई के पिता ने अपनी सालभर की सैलरी खर्च कर उन्हें अमेरिका पढ़ने भेजा था। वहां उन्होंने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद अपना मुकाम बनाया। 2004 में गूगल से जुड़ने के बाद, उन्होंने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया और 2015 में गूगल के सीईओ बने।
हाल ही में गूगल और अल्फाबेट के क्लाउड सर्विसेज और AI बिजनेस में जबरदस्त उछाल आया है, जिसका सीधा फायदा पिचाई की नेट वर्थ को मिला है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
इस खबर से क्या सीख सकते हैं आप?
- सपना देखो और उसे पूरा करो: सुंदर पिचाई की कहानी दिखाती है कि अगर आप में लगन और मेहनत है, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है।
- शिक्षा का महत्व: एक हवाई जहाज के टिकट के लिए पिता की सालभर की सैलरी खर्च करना शिक्षा के प्रति उनके परिवार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसने पिचाई को आज इस मुकाम तक पहुंचाया।
- तकनीक का बढ़ता दबदबा: AI और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्र भविष्य की दिशा तय कर रहे हैं, और पिचाई जैसे लीडर्स इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सुंदर पिचाई की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। यह साबित करता है कि भारतीय प्रतिभा किसी भी वैश्विक मंच पर चमक सकती है।
आप इस पर क्या सोचते हैं? क्या सुंदर पिचाई की कहानी आपको प्रेरित करती है?