भारत में क्विक कॉमर्स ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली है और अब यह सिर्फ ग्रोसरी या इलेक्ट्रॉनिक्स तक सीमित नहीं है। ब्लिंकइट, जो अपनी तेज डिलीवरी के लिए जाना जाता है, ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एम्बुलेंस सर्विस शुरू की है। ये एम्बुलेंस सर्विस सिर्फ 10 मिनट में मरीज के पास पहुंचने का वादा करती है।
गुरुग्राम में ब्लिंकइट की 10 मिनट एम्बुलेंस सर्विस
ब्लिंकइट ने अपनी यह अनोखी सर्विस सबसे पहले गुरुग्राम में लॉन्च की है। इस बारे में जानकारी खुद कंपनी के सीईओ अलबिंदर ढींडसा ने लिंक्डइन पर दी। शुरुआती दौर में पांच एम्बुलेंस तैनात की गई हैं, जो जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों से लैस हैं। इस सर्विस का इस्तेमाल ब्लिंकइट ऐप के जरिए किया जा सकता है, जहां एक क्लिक पर आप किफायती दामों पर एम्बुलेंस बुक कर सकते हैं।
एम्बुलेंस में कौन-कौन सी सुविधाएं होंगी?
इन एम्बुलेंस में मरीजों की जरूरत के हिसाब से सभी जरूरी उपकरण मौजूद हैं, जैसे:
- ऑक्सीजन सिलेंडर
- AED (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर), जो अचानक कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन को सामान्य करने में मदद करता है।
- स्ट्रेचर, मॉनिटर और सक्शन मशीन।
- जरूरी दवाएं और इंजेक्शन।
हर एम्बुलेंस में एक पैरामेडिक, एक असिस्टेंट, और एक प्रशिक्षित ड्राइवर मौजूद होगा। ये टीम सुनिश्चित करेगी कि मरीज को समय पर सही मदद मिले।
ब्लिंकइट का मकसद
ब्लिंकइट के सीईओ का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं है। वे चाहते हैं कि लोग सस्ती और भरोसेमंद एम्बुलेंस सर्विस का फायदा उठा सकें। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे इस सर्विस का विस्तार देश के अन्य शहरों में किया जाएगा। अगले दो सालों में ब्लिंकइट का लक्ष्य सभी बड़े शहरों तक इस सेवा को पहुंचाना है।
इमरजेंसी में बड़ा कदम
ब्लिंकइट ने इस कदम से साबित कर दिया है कि इमरजेंसी में तेज और किफायती चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना कितना जरूरी है। गुरुग्राम में यह सेवा लॉन्च होने के बाद उम्मीद है कि देश के अन्य हिस्सों में भी यह जल्द शुरू होगी।
CEO अलबिंदर ढींडसा का बयान
अलबिंदर ढींडसा ने अपनी पोस्ट में लिखा, “हम अपने शहरों में तेज और भरोसेमंद एम्बुलेंस सर्विस देने की कोशिश कर रहे हैं। आज से गुरुग्राम की सड़कों पर पहली पांच एम्बुलेंस चलने लगी हैं। जल्द ही यह सर्विस ब्लिंकइट ऐप पर उपलब्ध होगी, जहां आप बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एम्बुलेंस बुक कर पाएंगे।”
ब्लिंकइट का यह कदम भारत में हेल्थकेयर सिस्टम को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल साबित हो सकता है। क्या आपको लगता है कि यह सर्विस दूसरे शहरों में भी उतनी ही असरदार होगी?